Description
“रूह, मौनिकी और मौन के बीच एक सफ़र”
ये किताब कोई साधारण कविता-संग्रह नहीं है।
ये उन लम्हों की नमी है जो बारिश में भीगी बालकनी पर टपकती है,
ये वो दीवानगी है जो चाय की भाप से उठती है और सीधा दिल तक जाती है।
हर पन्ना एक मौसम है।
हर मौसम एक एहसास है।
और हर एहसास — एक ऐसी दीवानगी का पता देता है
जिसे ना इश्क़ कहा जा सकता है, ना तर्क।
अगर कभी किसी शाम ने आपको रोका हो…
अगर कभी कोई बारिश आपके अंदर बरसी हो…
तो ये किताब आपकी ही कहानी है।
About the Author
T. D. S. Bhardwaj —
एक ऐसा नाम, जो भावनाओं की बुनावट को
शब्दों की सीवन से जोड़ता है।
भूतपूर्व प्राचार्य, वैज्ञानिक सोच के साथ
भावनात्मक सृजन में पारंगत।
उनकी कलम कभी ओशो की मौन-शक्ति से भीगती है,
तो कभी दीवानगी की आग में जलती है।
“मैं, मौसम और दीवानगी” उनका ऐसा संग्रह है
जहाँ पाठक ना सिर्फ़ पढ़ता है,
बल्कि खुद को महसूस करता है।
जब आपके भीतर मौसम बदलते हैं,
और कोई नहीं समझ पाता…
तब “मैं, मौसम और दीवानगी” आपको वो शब्द देता है
जो आपने कभी कहे ही नहीं,
लेकिन हमेशा महसूस किए।




Reviews
There are no reviews yet.