Description
“मुहब्बत की तह में लिपटी दिलकश लफ़्ज़ों की सौग़ात”
एक ऐसी किताब जो ना पूरी शायरी है, ना महज़ इश्क़ की कहानी।
ये उन ख्यालों की धड़कन है जो पुदीने की ताज़गी में भीग कर
ग़ालिब की रवायतों से गुजरती है।
यह किताब उन तमाम लोगों के लिए है जो मोहब्बत को सिर्फ़ महसूस नहीं करते,
बल्कि उसे लफ़्ज़ों में जीते हैं।
हर नज़्म, हर टुकड़ा — जैसे किसी रूठे लम्हे की पुकार हो।
About the Author
T.D. S. Bhardwaj
एक ऐसा नाम जिसने इश्क़ को अदब के अंदाज़ में छुआ है।
20 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहने के बाद,
अब ये कलम के ज़रिए दिलों में उतरते हैं।
उनकी कविताएँ सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं —
बल्कि वो ग़ज़लनुमा एहसास हैं जो हर टूटे, झुके, या तन्हा दिल में घर कर जाते हैं।
“पुदीना, इश्क़ और ग़ालिब” उनके लेखन की एक अनोखी पेशकश है,
जहाँ Lucknowi नफ़ासत, Ghalib की गहराई,
और आधुनिक इश्क़ की बेचैनियाँ — तीनों एक साथ मिलते हैं।




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